5 Simple Statements About Shiv chaisa Explained

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

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देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील shiv chalisa in hindi कंठ को कोटि प्रणाम

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

शिव मंदिर में दीप जला के करलो मन उजियारा…

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ shiv chalisa lyricsl मारि गिरायउ॥

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